A beautiful story on labour day - A story of a laborious farmer
A beautiful story on labour day - A story of a laborious farmer |
A beautiful story on labour day - A story of a laborious farmer
A beautiful story on labour day - A story of a laborious farmer
---धरती पुत्र---
A beautiful story on labour day - A story of a laborious farmer: मूंडरी गांव में एक किसान रहता है। जो बहुत गरीब होता है, उनके दो बच्चे भी होते हैं। एक दिन वो किसान अपनी खेत में खेती करने जाता है। ठंड का मौसम होता है और वो चाहता है कि सूर्य उगने के पहले अपने खेत में पानी छोड़ दे ताकि फ़सल की बुआई अच्छी तरह हो पाए। लेकिन जिस दिन वो पानी छोड़ने का फ़ैसला लेता है उस दिन उस किसान की नींद जल्दी नहीं खुलती है और सूर्य उदय हो जाता है। जब किसान की नींद खुलती है वो देखता है दिन हो आया है और सूर्य धूप देना आरम्भ भी कर चुका है।
Also Read: Dream Girl - A Love Story Where Dream Comes True
Read Now: Tum Hi Ho - A Sad Painful Love Story
A beautiful story on labour day - A story of a laborious farmer
किसान ये बात सुनकर दंग और हैरान हो जाता है कि जब उसने बीज की बुआई की ही नहीं पानी छोरा ही नहीं फिर ऐसा कैसे हो गया। वो खेतों में जाता है और देखता है वाकई में खेतों में बीज की भी बुआई हो चुकी है और पानी भी छोरा जा चुका है।
उसे अपने आंखों पर विश्वास नहीं हो पाता है और वो यही बात सोचते सोचते घर वापस आ जाता है। रात हो जाती है और किसान अपने आंगन में खटिया लगा कर सो जाता है। आधी रात किसान को सपना आता है। वो देखता है एक विशालकाय रूप वाली देवी उनके समक्ष खड़ी हो जाती है, और देखते ही देखते अपने आशीर्वाद से किसान की सारी खेती का काम कर देती है। वो ये सपना देखते ही तुरंत उठ बैठता है और घबरा जाता है। वो उस देवी के बारे में सोचने लगता है, थोड़ी देर बाद अचानक एक विशाल चमक उस किसान के आंखों के सामने आता है और वो देखता है वहीं देवी जो किसान के सपने में आयी थी, उसके सामने साक्षात् प्रकट हो जाती है। किसान उस देवी को देख बड़ा आश्चर्य हो जाता है।
देवी कहती हैं: हे किसान तुम तो अन्नदाता हो जो अपनी मेहनत से सारी दुनिया को अनाज देता है, लेकिन तुमने कभी ख़ुद के लिए कुछ नहीं किया। तुम अपनी मेहनत से सारी फ़सल को हरा भरा करते हो। जिस दिन तुम खेतों में काम करते करते थक कर करहाने लगे थे और मां करके पुकार रहे थे उसी वक़्त मैंने तुम्हें आराम करने की आशीर्वाद देकर तुम्हे निंद्रा में भेज दिया और तुम्हारी सारी काम को मैंने संपूर्ण कर दिया।
Read Now: मैं बहरा हूँ - A Story of Deaf Girl
दुनियां में किसान भगवान् का दूसरा रूप होता है, जिसे हम अन्नदाता भी कहते हैं। जो अपनी कर्म के लिए अपनी सारी ज़िन्दगी न्योछावर कर देते हैं, अपनी खून पसीने से खेती करते है चाहे वो कितना भी थक कर चूर हो जाए लेकिन वो अन्नदाता मेहनत कर सारी दुनिया को अनाज पूर्ति करते हैैं ।
To be continued...